अल्फ़ाज़ों की रौशनी से दिल रोशन कर दिया तुमने,"चाँदनी पिघलती रही तो ख्वाब सँवरते रहे,
तेरी यादों के सफ़र में लम्हें निखरते रहे।
नींद भले रूठी रही कल रात भर,
पर तेरे एहसास दिल में उतरते रहे…"![]()
यादों के सफ़र को और हसीन बना दिया तुमने।
नींद चाहे रूठ जाए रात के सन्नाटे में,
पर ख्वाबों को सच कर दिया तुमने.
