नाम उसका लिख कर मिटा रही थी मैं,
दिल को अपने यूँ बहला रही थी मैं ..!!
ना थी जिसको मेरे प्यार की कदर ऐ दोस्तों
इत्तेफ़ाक़ से उसी को चाह रही थी मैं ..!!
उसी दिए ने जला दिया "आँचल" तेरे हाथो को ,
जिसको हवा से बचा रही थी मैं ..!!!
दिल को अपने यूँ बहला रही थी मैं ..!!
ना थी जिसको मेरे प्यार की कदर ऐ दोस्तों
इत्तेफ़ाक़ से उसी को चाह रही थी मैं ..!!
उसी दिए ने जला दिया "आँचल" तेरे हाथो को ,
जिसको हवा से बचा रही थी मैं ..!!!