मासूम दिलों को तोड़ जाता है
हंसते-हंसते मुंह मोड़ जाता है
अफसोस भी नहीं होता उसे कोई,
वो एक पल में ही छोड़ जाता है
न दुख होता है उसे किसी को रुलाने का,
ना ग़म किसी के रूठ जाने का
मन भर जाए जब ज़िन्दगी से निकाल फेंकता है
मौका भी नहीं देता संभल पाने का
संभल के रहना ए दिलों से खेलने वाले,
सब नहीं होते हम जैसे झेलने वाले
दिल तोड़ते-तोड़ते किसी दिन तेरे हाथ न छिल जाए,
ये खेल जो तू खेल रहा है इसमें तुझे कोई तुझ जैसा ना मिल जाए!!!!
हंसते-हंसते मुंह मोड़ जाता है
अफसोस भी नहीं होता उसे कोई,
वो एक पल में ही छोड़ जाता है
न दुख होता है उसे किसी को रुलाने का,
ना ग़म किसी के रूठ जाने का
मन भर जाए जब ज़िन्दगी से निकाल फेंकता है
मौका भी नहीं देता संभल पाने का
संभल के रहना ए दिलों से खेलने वाले,
सब नहीं होते हम जैसे झेलने वाले
दिल तोड़ते-तोड़ते किसी दिन तेरे हाथ न छिल जाए,
ये खेल जो तू खेल रहा है इसमें तुझे कोई तुझ जैसा ना मिल जाए!!!!