तू इजाजत दे या न दे,
तेरी इबादत करता रहूंगा,
तू प्यार करे या ना करे,
मैं इजहार हर लम्हा करता रहूंगा।
तू मिले या ना मिले कोई शिकवा नहीं,
बस तेरी यादों में तुझसे मिलता रहूँगा,
दिल में ना बस सका मै तेरे,
पर तेरे ख्यालों में जरूर आऊंगा।
तू इजाजत दे या न दे,
तेरी यादों को ही सहारा बनाऊंगा,
तू परवाह करें या ना करें,
पर मैं आखरी सांस तक परवाह करता रहूंगा।
तू जिस्म की चाहत नहीं,
मेरी रूह की इबादत है,
जितने फासले है तेरे मेरे दरमियां,
उतनी ही शिद्दत से मोहब्बत करता रहूंगा।
तू इजाजत दे या न दे,
तेरी इबादत करता रहूंगा।
तेरी इबादत करता रहूंगा,
तू प्यार करे या ना करे,
मैं इजहार हर लम्हा करता रहूंगा।
तू मिले या ना मिले कोई शिकवा नहीं,
बस तेरी यादों में तुझसे मिलता रहूँगा,
दिल में ना बस सका मै तेरे,
पर तेरे ख्यालों में जरूर आऊंगा।
तू इजाजत दे या न दे,
तेरी यादों को ही सहारा बनाऊंगा,
तू परवाह करें या ना करें,
पर मैं आखरी सांस तक परवाह करता रहूंगा।
तू जिस्म की चाहत नहीं,
मेरी रूह की इबादत है,
जितने फासले है तेरे मेरे दरमियां,
उतनी ही शिद्दत से मोहब्बत करता रहूंगा।
तू इजाजत दे या न दे,
तेरी इबादत करता रहूंगा।