V
Vikash
Guest
हर बेहाया को सजा देते ईश्वर अगर हम होते। 
किसी के फेफड़े न जलाते सिगरेट अगर हम होते।
सारी ज़िंदगी का प्रण लेलेते बेवफा अगर हम होते।
अरे शर्म से डूब के मर जाते अगर तेरी जगह हम होते।।
किसी के फेफड़े न जलाते सिगरेट अगर हम होते।
सारी ज़िंदगी का प्रण लेलेते बेवफा अगर हम होते।
अरे शर्म से डूब के मर जाते अगर तेरी जगह हम होते।।