एक सहारा मिला था,
जीवन में आगे बढ़ने के लिए
आज वो भी छूटा सा नज़र आ रहा है
जो बनाया था कभी सपनों का महल,
आज वो भी टूटा से नज़र आ रहा है
जीवन की नदी पार करने का
कोई किनारा नहीं दिखाई पड़ता,
बस चारों ओर समंदर नज़र आ रहा है
उलझ गया है पंक्षियों का आशियाना,
हर तरफ बस बंजर ही नज़र आ रहा है
जिंदगी तो तेरे साथ थी मेरे यार,
अब तो मौत ही हमसफ़र नज़र आ रहा है
जीवन में आगे बढ़ने के लिए
आज वो भी छूटा सा नज़र आ रहा है
जो बनाया था कभी सपनों का महल,
आज वो भी टूटा से नज़र आ रहा है
जीवन की नदी पार करने का
कोई किनारा नहीं दिखाई पड़ता,
बस चारों ओर समंदर नज़र आ रहा है
उलझ गया है पंक्षियों का आशियाना,
हर तरफ बस बंजर ही नज़र आ रहा है
जिंदगी तो तेरे साथ थी मेरे यार,
अब तो मौत ही हमसफ़र नज़र आ रहा है





