ChaoticSoul
Novice Sprinter
मुझे उसकी फिर भी ज़रुरत क्यूँ है !!
बात सिर्फ इतनी सी है तो क्यूँ है !!
उसे नहीं मुझसे मुहब्बत, मुझे अब तक क्यूँ है !!
वो जहाँ है वहां खुश है !!
मुझे फिर भी उसकी इतनी फिकर क्यूँ है !!
बात सिर्फ इतनी सी है तो क्यूँ है !!
उसे नहीं मुझसे मुहब्बत, मुझे अब तक क्यूँ है !!
नहीं शामिल मैं उसकी आरजू में !!
मेरे हाँथो में फिर उसकी लकीर क्यूँ है !!
बात सिर्फ इतनी सी है तो क्यूँ है !!
उसे नहीं मुझसे मुहब्बत, मुझे अब तक क्यूँ है !!
बात सिर्फ इतनी सी है तो क्यूँ है !!
उसे नहीं मुझसे मुहब्बत, मुझे अब तक क्यूँ है !!
वो जहाँ है वहां खुश है !!
मुझे फिर भी उसकी इतनी फिकर क्यूँ है !!
बात सिर्फ इतनी सी है तो क्यूँ है !!
उसे नहीं मुझसे मुहब्बत, मुझे अब तक क्यूँ है !!
नहीं शामिल मैं उसकी आरजू में !!
मेरे हाँथो में फिर उसकी लकीर क्यूँ है !!
बात सिर्फ इतनी सी है तो क्यूँ है !!
उसे नहीं मुझसे मुहब्बत, मुझे अब तक क्यूँ है !!