"मैंने तुझे चाहा था किसी सौदे की तरह नहीं,मैं जिस मोहब्बत के गुरूर में बर्बाद हुआ
तेरी हर तस्वीर जो दिल में लगाई थी वो आज रख की है...
मैं मानता हूं कि सब कुछ झूठा हो सकता है लेकिन
क्या वो मोहब्बत भी झूठी हो सकती है जो मैने तुझसे तेरे बाद की है...
"मैंने तुझे चाहा था किसी सौदे की तरह नहीं,
तेरी यादों को सीने से लगाया किसी इबादत की तरह।
अगर तू मेरा न हुआ तो कोई शिकवा नहीं,
मगर जो तुझसे बिछड़कर तुझसे की, वो मोहब्बत भी झूठी हो सकती है क्या?"
तेरी लिखी ये लाइनें एक टूटी मोहब्बत की गहरी सच्चाई बयां कर रही हैं—वो इश्क़ जो किसी के जाने के बाद भी दिल से मिटता नहीं, बल्कि और गहरा होता जाता है।![]()