ChaoticSoul
Novice Sprinter
मैं वक़्त नहीं जो बदल जाऊँ !!
मैं वो शाम हूँ, जो रोज़ लोटकर आऊँ !!
बन चुका हूँ, दर्द अब मैं तेरे दिल का !!
जब जब सोचेगा मेरे बारे मे तब तब बढता जाऊँ !!
मुझे आम ना कर तू अपनी महफिल मे !!
मैं राज़ बनकर तेरे दिल मे दफन हो जाऊँ !!
अकेला ना समझना तू खुद को इस जहाँ मे !!
मैं तेरा साया हूँ, कोई बादल नहीं जो बरसकर लौट जाऊँ !!
मैं वो शाम हूँ, जो रोज़ लोटकर आऊँ !!
बन चुका हूँ, दर्द अब मैं तेरे दिल का !!
जब जब सोचेगा मेरे बारे मे तब तब बढता जाऊँ !!
मुझे आम ना कर तू अपनी महफिल मे !!
मैं राज़ बनकर तेरे दिल मे दफन हो जाऊँ !!
अकेला ना समझना तू खुद को इस जहाँ मे !!
मैं तेरा साया हूँ, कोई बादल नहीं जो बरसकर लौट जाऊँ !!