हुनर तो मुझ में भी कमाल है
दुख लिखती हूं लोग शायरा मान लेते हैं ...
जो आग लगी है मेरे दिल के अंदर
उन्हें भी चंद अल्फाज कह कर टाल देते हैं ...
मेरी बर्बादियों का सबको एहसास है
पर समझने वाला कोई यहां क्या खास है ...
वाह वाह तो हर कोई कर देगा यहां
मगर दुख का मरहम मेरे पास है कहां....
दुख लिखती हूं लोग शायरा मान लेते हैं ...
जो आग लगी है मेरे दिल के अंदर
उन्हें भी चंद अल्फाज कह कर टाल देते हैं ...
मेरी बर्बादियों का सबको एहसास है
पर समझने वाला कोई यहां क्या खास है ...
वाह वाह तो हर कोई कर देगा यहां
मगर दुख का मरहम मेरे पास है कहां....