आज की शुभ क्यों इतनी खास लग रहा हैं
न हो के भी तुम क्यों इतनी पास लग रहा हैं
छु के इन किरणों तेरे एहसास भर रहा हैं
ये इश्क की नसा किस तरह मुझ में चढ रहा हैं
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शुभ प्रभात
Good morningआज की शुभ क्यों इतनी खास लग रहा हैं
न हो के भी तुम क्यों इतनी पास लग रहा हैं
छु के इन किरणों तेरे एहसास भर रहा हैं
ये इश्क की नसा किस तरह मुझ में चढ रहा हैं
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शुभ प्रभात
Good morningआज की शुभ क्यों इतनी खास लग रहा हैं
न हो के भी तुम क्यों इतनी पास लग रहा हैं
छु के इन किरणों तेरे एहसास भर रहा हैं
ये इश्क की नसा किस तरह मुझ में चढ रहा हैं
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शुभ प्रभात
हर सुबह ऐसे ही खास होता है
जब कोई दिल के पास होता है
शुभ प्रभातGood morning
good morningGood morning
VGMGood morning
Wah bahut khoobआज की शुभ क्यों इतनी खास लग रहा हैं
न हो के भी तुम क्यों इतनी पास लग रहा हैं
छु के इन किरणों तेरे एहसास भर रहा हैं
ये इश्क की नसा किस तरह मुझ में चढ रहा हैं
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शुभ प्रभात
इश्क़ वो नशा है, जो सर चढ़ जाता है।आज की शुभ क्यों इतनी खास लग रहा हैं
न हो के भी तुम क्यों इतनी पास लग रहा हैं
छु के इन किरणों तेरे एहसास भर रहा हैं
ये इश्क की नसा किस तरह मुझ में चढ रहा हैं
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शुभ प्रभात
शुभ संध्याआज की शुभ क्यों इतनी खास लग रहा हैं
न हो के भी तुम क्यों इतनी पास लग रहा हैं
छु के इन किरणों तेरे एहसास भर रहा हैं
ये इश्क की नसा किस तरह मुझ में चढ रहा हैं
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शुभ प्रभात
आज की शुभ क्यों इतनी खास लग रहा हैं
न हो के भी तुम क्यों इतनी पास लग रहा हैं
छु के इन किरणों तेरे एहसास भर रहा हैं
ये इश्क की नसा किस तरह मुझ में चढ रहा हैं
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शुभ प्रभात
डर लगता हैं ये नशा कहीं उतर न जाएइश्क़ वो नशा है, जो सर चढ़ जाता है।
कभी होश में नहीं रखता, बस दीवाना बना जाता है।
ये वो सफर है, जो मंज़िल तक ले जाता है,
कभी रुकता नहीं, बस चलता ही जाता है।
ये शुभ उन कालि रातो को चिर के आया हैंहर सुबह ऐसे ही खास होता है
जब कोई दिल के पास होता है
Wahडर लगता हैं ये नशा कहीं उतर न जाए
जो जजबात हे इस दिल में भर न जाए
नादानियो से भरा है ये दिल जनाब
कहीं ये नादानिया ऐसा कुछ कर न जाए
ग्रहण की वो काली रात बीत गई हैये शुभ उन कालि रातो को चिर के आया हैं
शुभ की उम्मिदो के संग उसको जगाया हैं
कहीं लगन जाए इस उम्मीदो में कोई ग्रहण
जिसको हमने अपनी ख्वाबोमे साजाया हैं