• We kindly request chatzozo forum members to follow forum rules to avoid getting a temporary suspension. Do not use non-English languages in the International Sex Chat Discussion section. This section is mainly created for everyone who uses English as their communication language.

यूं बेगाना ना हो✨

Aardhya

Epic Legend
VIP
Posting Freak
गम मेरा कभी मुझसे,यूं बेगाना ना हो।
काश मौसम कभी भी, सुहाना ना हो।।✨

शाम ढलकर,कभी फिर ये रात ना हो।
गर मेरे ख्वाबों मे उनको,आना ना हो।।❣️

आगाज कोई अंजाम पे, पहुँचे ही ना।
इस कदर बेरहम भी , जमाना ना हो।।✨

अदावत भी हो तो,पाक साफ ही हो।
ऐसा ना हो, फिर आना जाना ना हो।।✨

दास्तां-ए-दर्द-ए-दिल को,पढ़ लेते हैं।
शायद फिर कभी , गुनगुनाना ना हो।।❣️

जुल्म-ओ-सितम पर ऐसे,उतरे हैं वो।
जैसे कि उन्हें,हमे फिर सताना ना हो।।✨

फांसलों को इतना, बढा दिया तुमने।
जैसे रूठे हुए को,तुम्हें मनाना ना हो।।❣️

मरहम लाओ कभी, ऐसा लाना तुम।
नये जख्मों मे दर्द,फिर पुराना ना हो।।✨
 
गम मेरा कभी मुझसे,यूं बेगाना ना हो।
काश मौसम कभी भी, सुहाना ना हो।।✨

शाम ढलकर,कभी फिर ये रात ना हो।
गर मेरे ख्वाबों मे उनको,आना ना हो।।❣️

आगाज कोई अंजाम पे, पहुँचे ही ना।
इस कदर बेरहम भी , जमाना ना हो।।✨

अदावत भी हो तो,पाक साफ ही हो।
ऐसा ना हो, फिर आना जाना ना हो।।✨

दास्तां-ए-दर्द-ए-दिल को,पढ़ लेते हैं।
शायद फिर कभी , गुनगुनाना ना हो।।❣️

जुल्म-ओ-सितम पर ऐसे,उतरे हैं वो।
जैसे कि उन्हें,हमे फिर सताना ना हो।।✨

फांसलों को इतना, बढा दिया तुमने।
जैसे रूठे हुए को,तुम्हें मनाना ना हो।।❣️

मरहम लाओ कभी, ऐसा लाना तुम।
नये जख्मों मे दर्द,फिर पुराना ना हो।।✨
Are waahhh kya likhti ho yaar itne ache skills kaha se lai ho
 
गम मेरा कभी मुझसे,यूं बेगाना ना हो।
काश मौसम कभी भी, सुहाना ना हो।।✨

शाम ढलकर,कभी फिर ये रात ना हो।
गर मेरे ख्वाबों मे उनको,आना ना हो।।❣️

आगाज कोई अंजाम पे, पहुँचे ही ना।
इस कदर बेरहम भी , जमाना ना हो।।✨

अदावत भी हो तो,पाक साफ ही हो।
ऐसा ना हो, फिर आना जाना ना हो।।✨

दास्तां-ए-दर्द-ए-दिल को,पढ़ लेते हैं।
शायद फिर कभी , गुनगुनाना ना हो।।❣️

जुल्म-ओ-सितम पर ऐसे,उतरे हैं वो।
जैसे कि उन्हें,हमे फिर सताना ना हो।।✨

फांसलों को इतना, बढा दिया तुमने।
जैसे रूठे हुए को,तुम्हें मनाना ना हो।।❣️

मरहम लाओ कभी, ऐसा लाना तुम।
नये जख्मों मे दर्द,फिर पुराना ना हो।।✨
Gajab ki shayri lati chun chun k... nice
 
गम मेरा कभी मुझसे,यूं बेगाना ना हो।
काश मौसम कभी भी, सुहाना ना हो।।✨

शाम ढलकर,कभी फिर ये रात ना हो।
गर मेरे ख्वाबों मे उनको,आना ना हो।।❣️

आगाज कोई अंजाम पे, पहुँचे ही ना।
इस कदर बेरहम भी , जमाना ना हो।।✨

अदावत भी हो तो,पाक साफ ही हो।
ऐसा ना हो, फिर आना जाना ना हो।।✨

दास्तां-ए-दर्द-ए-दिल को,पढ़ लेते हैं।
शायद फिर कभी , गुनगुनाना ना हो।।❣️

जुल्म-ओ-सितम पर ऐसे,उतरे हैं वो।
जैसे कि उन्हें,हमे फिर सताना ना हो।।✨

फांसलों को इतना, बढा दिया तुमने।
जैसे रूठे हुए को,तुम्हें मनाना ना हो।।❣️

मरहम लाओ कभी, ऐसा लाना तुम।
नये जख्मों मे दर्द,फिर पुराना ना हो।।✨
Pura nahi padha phir bhi achi hogi :holiday: :heart1:
 
गम मेरा कभी मुझसे,यूं बेगाना ना हो।
काश मौसम कभी भी, सुहाना ना हो।।✨

शाम ढलकर,कभी फिर ये रात ना हो।
गर मेरे ख्वाबों मे उनको,आना ना हो।।❣️

आगाज कोई अंजाम पे, पहुँचे ही ना।
इस कदर बेरहम भी , जमाना ना हो।।✨

अदावत भी हो तो,पाक साफ ही हो।
ऐसा ना हो, फिर आना जाना ना हो।।✨

दास्तां-ए-दर्द-ए-दिल को,पढ़ लेते हैं।
शायद फिर कभी , गुनगुनाना ना हो।।❣️

जुल्म-ओ-सितम पर ऐसे,उतरे हैं वो।
जैसे कि उन्हें,हमे फिर सताना ना हो।।✨

फांसलों को इतना, बढा दिया तुमने।
जैसे रूठे हुए को,तुम्हें मनाना ना हो।।❣️

मरहम लाओ कभी, ऐसा लाना तुम।
नये जख्मों मे दर्द,फिर पुराना ना हो।।✨
Gaajab
 
गम मेरा कभी मुझसे,यूं बेगाना ना हो।
काश मौसम कभी भी, सुहाना ना हो।।✨

शाम ढलकर,कभी फिर ये रात ना हो।
गर मेरे ख्वाबों मे उनको,आना ना हो।।❣️

आगाज कोई अंजाम पे, पहुँचे ही ना।
इस कदर बेरहम भी , जमाना ना हो।।✨

अदावत भी हो तो,पाक साफ ही हो।
ऐसा ना हो, फिर आना जाना ना हो।।✨

दास्तां-ए-दर्द-ए-दिल को,पढ़ लेते हैं।
शायद फिर कभी , गुनगुनाना ना हो।।❣️

जुल्म-ओ-सितम पर ऐसे,उतरे हैं वो।
जैसे कि उन्हें,हमे फिर सताना ना हो।।✨

फांसलों को इतना, बढा दिया तुमने।
जैसे रूठे हुए को,तुम्हें मनाना ना हो।।❣️

मरहम लाओ कभी, ऐसा लाना तुम।
नये जख्मों मे दर्द,फिर पुराना ना हो।।✨
Nice
 
गम मेरा कभी मुझसे,यूं बेगाना ना हो।
काश मौसम कभी भी, सुहाना ना हो।।✨

शाम ढलकर,कभी फिर ये रात ना हो।
गर मेरे ख्वाबों मे उनको,आना ना हो।।❣️

आगाज कोई अंजाम पे, पहुँचे ही ना।
इस कदर बेरहम भी , जमाना ना हो।।✨

अदावत भी हो तो,पाक साफ ही हो।
ऐसा ना हो, फिर आना जाना ना हो।।✨

दास्तां-ए-दर्द-ए-दिल को,पढ़ लेते हैं।
शायद फिर कभी , गुनगुनाना ना हो।।❣️

जुल्म-ओ-सितम पर ऐसे,उतरे हैं वो।
जैसे कि उन्हें,हमे फिर सताना ना हो।।✨

फांसलों को इतना, बढा दिया तुमने।
जैसे रूठे हुए को,तुम्हें मनाना ना हो।।❣️

मरहम लाओ कभी, ऐसा लाना तुम।
नये जख्मों मे दर्द,फिर पुराना ना हो।।✨
जुदा हो गए इसका गम नहीं लेकिन जुदा होके भी अपने अपने लगते हो ...
तुम बेवफा नहीं थे शायद हमारी मोहब्बत ही कमजोर थी
जब तेरी बाहों में बाहें डालके सोया करते थे वो शामें कोई और थी...!!!
 
जुदा हो गए इसका गम नहीं लेकिन जुदा होके भी अपने अपने लगते हो ...
तुम बेवफा नहीं थे शायद हमारी मोहब्बत ही कमजोर थी
जब तेरी बाहों में बाहें डालके सोया करते थे वो शामें कोई और थी...!!!
:Like: :doh:
 
गम मेरा कभी मुझसे,यूं बेगाना ना हो।
काश मौसम कभी भी, सुहाना ना हो।।✨

शाम ढलकर,कभी फिर ये रात ना हो।
गर मेरे ख्वाबों मे उनको,आना ना हो।।❣️

आगाज कोई अंजाम पे, पहुँचे ही ना।
इस कदर बेरहम भी , जमाना ना हो।।✨

अदावत भी हो तो,पाक साफ ही हो।
ऐसा ना हो, फिर आना जाना ना हो।।✨

दास्तां-ए-दर्द-ए-दिल को,पढ़ लेते हैं।
शायद फिर कभी , गुनगुनाना ना हो।।❣️

जुल्म-ओ-सितम पर ऐसे,उतरे हैं वो।
जैसे कि उन्हें,हमे फिर सताना ना हो।।✨

फांसलों को इतना, बढा दिया तुमने।
जैसे रूठे हुए को,तुम्हें मनाना ना हो।।❣️

मरहम लाओ कभी, ऐसा लाना तुम।
नये जख्मों मे दर्द,फिर पुराना ना हो।।✨
Wahh wahh kya bt h :blush: :blush:
 
ये वक्त बदला और
बदली ये कहानी है,
अब तो बस मेरे पास
उनकी
यादें पुरानी है,
न लगाओ मेरे
ज़ख्मो पे मरहम,
क्योंकि " हमसफर "
के
पास
उनकी बची हुई
यही बस निशानी है।
 
कहता है वाक़िफ़ है हर पहलु से मेरे,
मेरे वजूद का एक पन्ना तक कभी पढ़ा नही,
हूँ मै उसके लिये उस किताब की तरह,
उसने जो कभी खोला तक नही,
हासिल है उसे ये जिस्म,
मुझ मे बसी मै से कभी मिला नही,
मेरी हँसी मे छुपी नमी,
मेरी तन्हाइयों मे मचा शोर,
मेरे अंदर छुपी वो बिगड़ी सी बच्ची.
या फिर वो ख्वाब जो कभी छूटे ही नही,
काश कभी जो जान पाता मुझ को,
तो मै भी मुक्कमल हो जाती कंही ll
 
गम मेरा कभी मुझसे,यूं बेगाना ना हो।
काश मौसम कभी भी, सुहाना ना हो।।✨

शाम ढलकर,कभी फिर ये रात ना हो।
गर मेरे ख्वाबों मे उनको,आना ना हो।।❣️

आगाज कोई अंजाम पे, पहुँचे ही ना।
इस कदर बेरहम भी , जमाना ना हो।।✨

अदावत भी हो तो,पाक साफ ही हो।
ऐसा ना हो, फिर आना जाना ना हो।।✨

दास्तां-ए-दर्द-ए-दिल को,पढ़ लेते हैं।
शायद फिर कभी , गुनगुनाना ना हो।।❣️

जुल्म-ओ-सितम पर ऐसे,उतरे हैं वो।
जैसे कि उन्हें,हमे फिर सताना ना हो।।✨

फांसलों को इतना, बढा दिया तुमने।
जैसे रूठे हुए को,तुम्हें मनाना ना हो।।❣️

मरहम लाओ कभी, ऐसा लाना तुम।
नये जख्मों मे दर्द,फिर पुराना ना हो।।✨
Beautiful ji
 
Top