Siddhantrt
Epic Legend
मेरे कमीज़ की वो बटन,
जो उस रोज तुमने खोली थी,
मेरी छाती पर अपना इश्क़ जताने को..
वो तुम्हें दुबारा महसूस करने की ज़िद्द कर रही है..
यकीन मानो,
मैं उसकी ज़िद्द के आगे बेबस हो चला हूँ..
तुम जानती हो न,
जब निर्जीव चीज़ें इंसानों सी हो जाती हैं,
तो क्या सितम करती हैं..
याद तो होगी न तुम्हें,
तुम्हारे तिल की मेरे दिल में उतर जाने की ज़िद्द..
उनसे कहना वो अब भी वहीं मौजूद हैं..
सुनो, अगर फुर्सत मिले तो चली आना,
कि उस बटन को तुम्हारी बहुत याद आती है!
जो उस रोज तुमने खोली थी,
मेरी छाती पर अपना इश्क़ जताने को..
वो तुम्हें दुबारा महसूस करने की ज़िद्द कर रही है..
यकीन मानो,
मैं उसकी ज़िद्द के आगे बेबस हो चला हूँ..
तुम जानती हो न,
जब निर्जीव चीज़ें इंसानों सी हो जाती हैं,
तो क्या सितम करती हैं..
याद तो होगी न तुम्हें,
तुम्हारे तिल की मेरे दिल में उतर जाने की ज़िद्द..
उनसे कहना वो अब भी वहीं मौजूद हैं..
सुनो, अगर फुर्सत मिले तो चली आना,
कि उस बटन को तुम्हारी बहुत याद आती है!