कुछ खास सी है वो
जमाने की धूप में छाव के एहसास सी है वो ,
हा कुछ खास सी है वो ,
भोली भाली नजाकत लिए , एक मीठी खटास सी है वो
हा कुछ खास सी है वो ,
सितारे भी टूटते है
बस उसकी एक झलक के लिए ,
जैसे कोई तिलिस्मानी वजह सी है वो ,
हा कुछ खास सी है वो ,
इस दुनिया के आइने में ,
बस एक वो सच्चे होने के एहसास सी है ,
हा कुछ तो खास सी है वो ,
केसे बताऊ मेरे लिए बिन मंजिल के रास्ते पे ,
ठहरी हुई मंजिल के एहसास सी है वो ,
की कुछ खास सी है वो ,
जहां भी होती है, समा बांध देती है ,
मुरझाए चेहरों पर हसी के पल डाल देती हैं ,
बहकाती है , फुसलाती है ,
फिक्र दिखाती है ,
और कोई रूठा हो बिना बात के भी तो उसे खुद ही माफी मांग के मनाती है ,
हा अलग सी हैं , जरा झल्ली होके भी , मुकम्मल सी हैं
पता है उसका नाम ही काफी है
हवाओं से भी दुश्मनी के लिए
नाम खयालों में आते ही
हवाएं पूछ पड़ती हैं
क्या तुम्हे हमारी जरूरत नही ,
हर बार समझाना पड़ता हैं फिर उन्हें ,
तुम जरूरी हो जिस्म की कहानी के लिए ,
और वो जरूरी है दिल की रवानी के लिए ,
तो तू समझ जा न कोन ज्यादा जरूरी है यार ,
हा सुन हवा तू भी जरूरी है यार ,
हा बस उसका नाम ही काफी है
जागते हुए सपनो को सपने दिखाने के लिए
ऐसे सपनो की अनूठी पहचान सी है वो ,
बस कुछ खास सी है वो ,
सोते हुए चैन को भी जो जगा देती है ,
मानो ,
इन चंचल हवाओं में किसी गुलाबी आसमान सी है वो ,
इस तरह कुछ खास से है वो ,
मुकम्मल सी है वो ,
हा बस कुछ खास सी है वो मेरे लिए ,
Wish she happens to read it one day...
if u r and u found me nowhere here I am smiling here : -)
जमाने की धूप में छाव के एहसास सी है वो ,
हा कुछ खास सी है वो ,
भोली भाली नजाकत लिए , एक मीठी खटास सी है वो
हा कुछ खास सी है वो ,
सितारे भी टूटते है
बस उसकी एक झलक के लिए ,
जैसे कोई तिलिस्मानी वजह सी है वो ,
हा कुछ खास सी है वो ,
इस दुनिया के आइने में ,
बस एक वो सच्चे होने के एहसास सी है ,
हा कुछ तो खास सी है वो ,
केसे बताऊ मेरे लिए बिन मंजिल के रास्ते पे ,
ठहरी हुई मंजिल के एहसास सी है वो ,
की कुछ खास सी है वो ,
जहां भी होती है, समा बांध देती है ,
मुरझाए चेहरों पर हसी के पल डाल देती हैं ,
बहकाती है , फुसलाती है ,
फिक्र दिखाती है ,
और कोई रूठा हो बिना बात के भी तो उसे खुद ही माफी मांग के मनाती है ,
हा अलग सी हैं , जरा झल्ली होके भी , मुकम्मल सी हैं
पता है उसका नाम ही काफी है
हवाओं से भी दुश्मनी के लिए
नाम खयालों में आते ही
हवाएं पूछ पड़ती हैं
क्या तुम्हे हमारी जरूरत नही ,
हर बार समझाना पड़ता हैं फिर उन्हें ,
तुम जरूरी हो जिस्म की कहानी के लिए ,
और वो जरूरी है दिल की रवानी के लिए ,
तो तू समझ जा न कोन ज्यादा जरूरी है यार ,
हा सुन हवा तू भी जरूरी है यार ,
हा बस उसका नाम ही काफी है
जागते हुए सपनो को सपने दिखाने के लिए
ऐसे सपनो की अनूठी पहचान सी है वो ,
बस कुछ खास सी है वो ,
सोते हुए चैन को भी जो जगा देती है ,
मानो ,
इन चंचल हवाओं में किसी गुलाबी आसमान सी है वो ,
इस तरह कुछ खास से है वो ,
मुकम्मल सी है वो ,
हा बस कुछ खास सी है वो मेरे लिए ,
Wish she happens to read it one day...
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