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मुकम्मल

Harcore_Ankit

Epic Legend
Chat Pro User
कुछ खास सी है वो
जमाने की धूप में छाव के एहसास सी है वो ,
हा कुछ खास सी है वो ,

भोली भाली नजाकत लिए , एक मीठी खटास सी है वो
हा कुछ खास सी है वो ,

सितारे भी टूटते है
बस उसकी एक झलक के लिए ,
जैसे कोई तिलिस्मानी वजह सी है वो ,
हा कुछ खास सी है वो ,

इस दुनिया के आइने में ,
बस एक वो सच्चे होने के एहसास सी है ,
हा कुछ तो खास सी है वो ,

केसे बताऊ मेरे लिए बिन मंजिल के रास्ते पे ,
ठहरी हुई मंजिल के एहसास सी है वो ,
की कुछ खास सी है वो ,

जहां भी होती है, समा बांध देती है ,
मुरझाए चेहरों पर हसी के पल डाल देती हैं ,
बहकाती है , फुसलाती है ,
फिक्र दिखाती है ,
और कोई रूठा हो बिना बात के भी तो उसे खुद ही माफी मांग के मनाती है ,
हा अलग सी हैं , जरा झल्ली होके भी , मुकम्मल सी हैं

पता है उसका नाम ही काफी है
हवाओं से भी दुश्मनी के लिए
नाम खयालों में आते ही
हवाएं पूछ पड़ती हैं
क्या तुम्हे हमारी जरूरत नही ,
हर बार समझाना पड़ता हैं फिर उन्हें ,
तुम जरूरी हो जिस्म की कहानी के लिए ,
और वो जरूरी है दिल की रवानी के लिए ,
तो तू समझ जा न कोन ज्यादा जरूरी है यार ,
हा सुन हवा तू भी जरूरी है यार ,

हा बस उसका नाम ही काफी है
जागते हुए सपनो को सपने दिखाने के लिए
ऐसे सपनो की अनूठी पहचान सी है वो ,
बस कुछ खास सी है वो ,
सोते हुए चैन को भी जो जगा देती है ,
मानो ,
इन चंचल हवाओं में किसी गुलाबी आसमान सी है वो ,
इस तरह कुछ खास से है वो ,

मुकम्मल सी है वो ,
हा बस कुछ खास सी है वो मेरे लिए ,

Wish she happens to read it one day...

if u r and u found me nowhere here I am smiling here : -)

 
Last edited:
कुछ खास सी है वो
जमाने की धूप में छाव के एहसास सी है वो ,
हा कुछ खास सी है वो ,

भोली भाली नजाकत लिए , एक मीठी खटास सी है वो
हा कुछ खास सी है वो ,

सितारे भी टूटते है
बस उसकी एक झलक के लिए ,
जैसे कोई तिलिस्मानी वजह सी है वो ,
हा कुछ खास सी है वो ,

इस दुनिया के आइने में ,
बस एक वो सच्चे होने के एहसास सी है ,
हा कुछ तो खास सी है वो ,

केसे बताऊ मेरे लिए बिन मंजिल के रास्ते पे ,
ठहरी हुई मंजिल के एहसास सी है वो ,
की कुछ खास सी है वो ,

जहां भी होती है, समा बांध देती है ,
मुरझाए चेहरों पर हसी के पल डाल देती हैं ,
बहकाती है , फुसलाती है ,
फिक्र दिखाती है ,
और कोई रूठा हो बिना बात के भी तो उसे खुद ही माफी मांग के मनाती है ,
हा अलग सी हैं , जरा झल्ली होके भी , मुकम्मल सी हैं

पता है उसका नाम ही काफी है
हवाओं से भी दुश्मनी के लिए
नाम खयालों में आते ही
हवाएं पूछ पड़ती हैं
क्या तुम्हे हमारी जरूरत नही ,
हर बार समझाना पड़ता हैं फिर उन्हें ,
तुम जरूरी हो जिस्म की कहानी के लिए ,
और वो जरूरी है दिल की रवानी के लिए ,
तो तू समझ जा न कोन ज्यादा जरूरी है यार ,
हा सुन हवा तू भी जरूरी है यार ,

हा बस उसका नाम ही काफी है
जागते हुए सपनो को सपने दिखाने के लिए
ऐसे सपनो की अनूठी पहचान सी है वो ,
बस कुछ खास सी है वो ,
सोते हुए चैन को भी जो जगा देती है ,
मानो ,
इन चंचल हवाओं में किसी गुलाबी आसमान सी है वो ,
इस तरह कुछ खास से है वो ,

मुकम्मल सी है वो ,
हा बस कुछ खास सी है वो मेरे लिए ,

Wish she happens to read it one day...

if u r and u found me nowhere here I am smiling here : -)

कभी कभी हम गलत नहीं होते,
बस शब्द नहीं होते, जो हमें सही साबित कर सके!
 
बदला नहीं हूँ मै, मेरी भी कुछ कहानी है,
बुरा बन गया मै, बस अपनों की मेहरबानी है!
 
कुछ खास सी है वो
जमाने की धूप में छाव के एहसास सी है वो ,
हा कुछ खास सी है वो ,

भोली भाली नजाकत लिए , एक मीठी खटास सी है वो
हा कुछ खास सी है वो ,

सितारे भी टूटते है
बस उसकी एक झलक के लिए ,
जैसे कोई तिलिस्मानी वजह सी है वो ,
हा कुछ खास सी है वो ,

इस दुनिया के आइने में ,
बस एक वो सच्चे होने के एहसास सी है ,
हा कुछ तो खास सी है वो ,

केसे बताऊ मेरे लिए बिन मंजिल के रास्ते पे ,
ठहरी हुई मंजिल के एहसास सी है वो ,
की कुछ खास सी है वो ,

जहां भी होती है, समा बांध देती है ,
मुरझाए चेहरों पर हसी के पल डाल देती हैं ,
बहकाती है , फुसलाती है ,
फिक्र दिखाती है ,
और कोई रूठा हो बिना बात के भी तो उसे खुद ही माफी मांग के मनाती है ,
हा अलग सी हैं , जरा झल्ली होके भी , मुकम्मल सी हैं

पता है उसका नाम ही काफी है
हवाओं से भी दुश्मनी के लिए
नाम खयालों में आते ही
हवाएं पूछ पड़ती हैं
क्या तुम्हे हमारी जरूरत नही ,
हर बार समझाना पड़ता हैं फिर उन्हें ,
तुम जरूरी हो जिस्म की कहानी के लिए ,
और वो जरूरी है दिल की रवानी के लिए ,
तो तू समझ जा न कोन ज्यादा जरूरी है यार ,
हा सुन हवा तू भी जरूरी है यार ,

हा बस उसका नाम ही काफी है
जागते हुए सपनो को सपने दिखाने के लिए
ऐसे सपनो की अनूठी पहचान सी है वो ,
बस कुछ खास सी है वो ,
सोते हुए चैन को भी जो जगा देती है ,
मानो ,
इन चंचल हवाओं में किसी गुलाबी आसमान सी है वो ,
इस तरह कुछ खास से है वो ,

मुकम्मल सी है वो ,
हा बस कुछ खास सी है वो मेरे लिए ,

Wish she happens to read it one day...

if u r and u found me nowhere here I am smiling here : -)

Woh beautiful bro
 
कुछ खास सी है वो
जमाने की धूप में छाव के एहसास सी है वो ,
हा कुछ खास सी है वो ,

भोली भाली नजाकत लिए , एक मीठी खटास सी है वो
हा कुछ खास सी है वो ,

सितारे भी टूटते है
बस उसकी एक झलक के लिए ,
जैसे कोई तिलिस्मानी वजह सी है वो ,
हा कुछ खास सी है वो ,

इस दुनिया के आइने में ,
बस एक वो सच्चे होने के एहसास सी है ,
हा कुछ तो खास सी है वो ,

केसे बताऊ मेरे लिए बिन मंजिल के रास्ते पे ,
ठहरी हुई मंजिल के एहसास सी है वो ,
की कुछ खास सी है वो ,

जहां भी होती है, समा बांध देती है ,
मुरझाए चेहरों पर हसी के पल डाल देती हैं ,
बहकाती है , फुसलाती है ,
फिक्र दिखाती है ,
और कोई रूठा हो बिना बात के भी तो उसे खुद ही माफी मांग के मनाती है ,
हा अलग सी हैं , जरा झल्ली होके भी , मुकम्मल सी हैं

पता है उसका नाम ही काफी है
हवाओं से भी दुश्मनी के लिए
नाम खयालों में आते ही
हवाएं पूछ पड़ती हैं
क्या तुम्हे हमारी जरूरत नही ,
हर बार समझाना पड़ता हैं फिर उन्हें ,
तुम जरूरी हो जिस्म की कहानी के लिए ,
और वो जरूरी है दिल की रवानी के लिए ,
तो तू समझ जा न कोन ज्यादा जरूरी है यार ,
हा सुन हवा तू भी जरूरी है यार ,

हा बस उसका नाम ही काफी है
जागते हुए सपनो को सपने दिखाने के लिए
ऐसे सपनो की अनूठी पहचान सी है वो ,
बस कुछ खास सी है वो ,
सोते हुए चैन को भी जो जगा देती है ,
मानो ,
इन चंचल हवाओं में किसी गुलाबी आसमान सी है वो ,
इस तरह कुछ खास से है वो ,

मुकम्मल सी है वो ,
हा बस कुछ खास सी है वो मेरे लिए ,

Wish she happens to read it one day...

if u r and u found me nowhere here I am smiling here : -)

Very nice Post....
 
कुछ खास सी है वो
जमाने की धूप में छाव के एहसास सी है वो ,
हा कुछ खास सी है वो ,

भोली भाली नजाकत लिए , एक मीठी खटास सी है वो
हा कुछ खास सी है वो ,

सितारे भी टूटते है
बस उसकी एक झलक के लिए ,
जैसे कोई तिलिस्मानी वजह सी है वो ,
हा कुछ खास सी है वो ,

इस दुनिया के आइने में ,
बस एक वो सच्चे होने के एहसास सी है ,
हा कुछ तो खास सी है वो ,

केसे बताऊ मेरे लिए बिन मंजिल के रास्ते पे ,
ठहरी हुई मंजिल के एहसास सी है वो ,
की कुछ खास सी है वो ,

जहां भी होती है, समा बांध देती है ,
मुरझाए चेहरों पर हसी के पल डाल देती हैं ,
बहकाती है , फुसलाती है ,
फिक्र दिखाती है ,
और कोई रूठा हो बिना बात के भी तो उसे खुद ही माफी मांग के मनाती है ,
हा अलग सी हैं , जरा झल्ली होके भी , मुकम्मल सी हैं

पता है उसका नाम ही काफी है
हवाओं से भी दुश्मनी के लिए
नाम खयालों में आते ही
हवाएं पूछ पड़ती हैं
क्या तुम्हे हमारी जरूरत नही ,
हर बार समझाना पड़ता हैं फिर उन्हें ,
तुम जरूरी हो जिस्म की कहानी के लिए ,
और वो जरूरी है दिल की रवानी के लिए ,
तो तू समझ जा न कोन ज्यादा जरूरी है यार ,
हा सुन हवा तू भी जरूरी है यार ,

हा बस उसका नाम ही काफी है
जागते हुए सपनो को सपने दिखाने के लिए
ऐसे सपनो की अनूठी पहचान सी है वो ,
बस कुछ खास सी है वो ,
सोते हुए चैन को भी जो जगा देती है ,
मानो ,
इन चंचल हवाओं में किसी गुलाबी आसमान सी है वो ,
इस तरह कुछ खास से है वो ,

मुकम्मल सी है वो ,
हा बस कुछ खास सी है वो मेरे लिए ,

Wish she happens to read it one day...

if u r and u found me nowhere here I am smiling here : -)

Bahut khub chhote...
Keep it up:clapping:
 
कुछ खास सी है वो
जमाने की धूप में छाव के एहसास सी है वो ,
हा कुछ खास सी है वो ,

भोली भाली नजाकत लिए , एक मीठी खटास सी है वो
हा कुछ खास सी है वो ,

सितारे भी टूटते है
बस उसकी एक झलक के लिए ,
जैसे कोई तिलिस्मानी वजह सी है वो ,
हा कुछ खास सी है वो ,

इस दुनिया के आइने में ,
बस एक वो सच्चे होने के एहसास सी है ,
हा कुछ तो खास सी है वो ,

केसे बताऊ मेरे लिए बिन मंजिल के रास्ते पे ,
ठहरी हुई मंजिल के एहसास सी है वो ,
की कुछ खास सी है वो ,

जहां भी होती है, समा बांध देती है ,
मुरझाए चेहरों पर हसी के पल डाल देती हैं ,
बहकाती है , फुसलाती है ,
फिक्र दिखाती है ,
और कोई रूठा हो बिना बात के भी तो उसे खुद ही माफी मांग के मनाती है ,
हा अलग सी हैं , जरा झल्ली होके भी , मुकम्मल सी हैं

पता है उसका नाम ही काफी है
हवाओं से भी दुश्मनी के लिए
नाम खयालों में आते ही
हवाएं पूछ पड़ती हैं
क्या तुम्हे हमारी जरूरत नही ,
हर बार समझाना पड़ता हैं फिर उन्हें ,
तुम जरूरी हो जिस्म की कहानी के लिए ,
और वो जरूरी है दिल की रवानी के लिए ,
तो तू समझ जा न कोन ज्यादा जरूरी है यार ,
हा सुन हवा तू भी जरूरी है यार ,

हा बस उसका नाम ही काफी है
जागते हुए सपनो को सपने दिखाने के लिए
ऐसे सपनो की अनूठी पहचान सी है वो ,
बस कुछ खास सी है वो ,
सोते हुए चैन को भी जो जगा देती है ,
मानो ,
इन चंचल हवाओं में किसी गुलाबी आसमान सी है वो ,
इस तरह कुछ खास से है वो ,

मुकम्मल सी है वो ,
हा बस कुछ खास सी है वो मेरे लिए ,

Wish she happens to read it one day...

if u r and u found me nowhere here I am smiling here : -)

Bahut khub surat ,
 
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