• We kindly request chatzozo forum members to follow forum rules to avoid getting a temporary suspension. Do not use non-English languages in the International Sex Chat Discussion section. This section is mainly created for everyone who uses English as their communication language.

बुरा हर काम अपने सर लगेगा...

Siddhantrt

Epic Legend
कभी प्यारा कोई मंज़र लगेगा,
बदलने में उसे दम भर लगेगा,

नहीं हो तुम तो घर जंगल लगे है,
जो तुम हो साथ जंगल घर लगेगा,

अभी है रात बाक़ी वहशतों की,
अभी जाओगे घर तो डर लगेगा,

कभी पत्थर पड़ेंगे सर के ऊपर,
कभी पत्थर के ऊपर सर लगेगा,

दर ओ दीवार के बदलेंगे चेहरे,
ख़ुद अपना घर पराया घर लगेगा,

चलेंगे पाँव उस कूचे की जानिब,
मगर इल्ज़ाम सब दिल पर लगेगा,

हम अपने दिल की बाबत क्या बताएँ,
कभी मस्जिद कभी मंदिर लगेगा,

अगर तुम मारने वालों में होगे,
तुम्हारा फूल भी पत्थर लगेगा,

कहाँ ले कर चलोगे सच का परचम,
मुक़ाबिल झूठ का लश्कर लगेगा,

हलाकू आज का बग़दाद देखे,
तो उस की रूह को भी डर लगेगा,

ज़मीं को और ऊँचा मत उठाओ,
ज़मीं का आसमाँ से सर लगेगा,

जो अच्छे काम होंगे उन से होंगे,
बुरा हर काम अपने सर लगेगा.....!!
 
कभी प्यारा कोई मंज़र लगेगा,
बदलने में उसे दम भर लगेगा,

नहीं हो तुम तो घर जंगल लगे है,
जो तुम हो साथ जंगल घर लगेगा,

अभी है रात बाक़ी वहशतों की,
अभी जाओगे घर तो डर लगेगा,

कभी पत्थर पड़ेंगे सर के ऊपर,
कभी पत्थर के ऊपर सर लगेगा,

दर ओ दीवार के बदलेंगे चेहरे,
ख़ुद अपना घर पराया घर लगेगा,

चलेंगे पाँव उस कूचे की जानिब,
मगर इल्ज़ाम सब दिल पर लगेगा,

हम अपने दिल की बाबत क्या बताएँ,
कभी मस्जिद कभी मंदिर लगेगा,

अगर तुम मारने वालों में होगे,
तुम्हारा फूल भी पत्थर लगेगा,

कहाँ ले कर चलोगे सच का परचम,
मुक़ाबिल झूठ का लश्कर लगेगा,

हलाकू आज का बग़दाद देखे,
तो उस की रूह को भी डर लगेगा,

ज़मीं को और ऊँचा मत उठाओ,
ज़मीं का आसमाँ से सर लगेगा,

जो अच्छे काम होंगे उन से होंगे,
बुरा हर काम अपने सर लगेगा.....!!
Ek dm sahi
 
कभी प्यारा कोई मंज़र लगेगा,
बदलने में उसे दम भर लगेगा,

नहीं हो तुम तो घर जंगल लगे है,
जो तुम हो साथ जंगल घर लगेगा,

अभी है रात बाक़ी वहशतों की,
अभी जाओगे घर तो डर लगेगा,

कभी पत्थर पड़ेंगे सर के ऊपर,
कभी पत्थर के ऊपर सर लगेगा,

दर ओ दीवार के बदलेंगे चेहरे,
ख़ुद अपना घर पराया घर लगेगा,

चलेंगे पाँव उस कूचे की जानिब,
मगर इल्ज़ाम सब दिल पर लगेगा,

हम अपने दिल की बाबत क्या बताएँ,
कभी मस्जिद कभी मंदिर लगेगा,

अगर तुम मारने वालों में होगे,
तुम्हारा फूल भी पत्थर लगेगा,

कहाँ ले कर चलोगे सच का परचम,
मुक़ाबिल झूठ का लश्कर लगेगा,

हलाकू आज का बग़दाद देखे,
तो उस की रूह को भी डर लगेगा,

ज़मीं को और ऊँचा मत उठाओ,
ज़मीं का आसमाँ से सर लगेगा,

जो अच्छे काम होंगे उन से होंगे,
बुरा हर काम अपने सर लगेगा.....!!
Neki kar darya mein dal
 
कभी प्यारा कोई मंज़र लगेगा,
बदलने में उसे दम भर लगेगा,

नहीं हो तुम तो घर जंगल लगे है,
जो तुम हो साथ जंगल घर लगेगा,

अभी है रात बाक़ी वहशतों की,
अभी जाओगे घर तो डर लगेगा,

कभी पत्थर पड़ेंगे सर के ऊपर,
कभी पत्थर के ऊपर सर लगेगा,

दर ओ दीवार के बदलेंगे चेहरे,
ख़ुद अपना घर पराया घर लगेगा,

चलेंगे पाँव उस कूचे की जानिब,
मगर इल्ज़ाम सब दिल पर लगेगा,

हम अपने दिल की बाबत क्या बताएँ,
कभी मस्जिद कभी मंदिर लगेगा,

अगर तुम मारने वालों में होगे,
तुम्हारा फूल भी पत्थर लगेगा,

कहाँ ले कर चलोगे सच का परचम,
मुक़ाबिल झूठ का लश्कर लगेगा,

हलाकू आज का बग़दाद देखे,
तो उस की रूह को भी डर लगेगा,

ज़मीं को और ऊँचा मत उठाओ,
ज़मीं का आसमाँ से सर लगेगा,

जो अच्छे काम होंगे उन से होंगे,
बुरा हर काम अपने सर लगेगा.....!!
Dastur-e-jahan
 
Top