तेरी मुस्कान में जैसे प्रभात उतर आता है,
तेरी आँखों को देखकर हृदय स्वयं ही खो जाता है।जब तुम सजी हो इस गहरे नील वस्त्र में,
लगता है जैसे आकाश उतर आया हो धरती के प्रांगण में।तेरे गले का हार भी तेरे सौन्दर्य से झुक जाता है,
तेरी आभा के आगे प्रत्येक आभूषण छोटा पड़ जाता है।

जब मैं तेरे समीप खड़ा तुझे सँवारता हूँ,
तो ऐसा प्रतीत होता है मानो स्वर्ग सुख इस पृथ्वी पर पाता हूँ।
तेरा साथ ही मेरा सबसे बड़ा धन है,
तेरा प्रेम ही मेरी सबसे सच्ची जीवन-लाभ है। ❤