नीचता की पराकाष्ठा
अश्लील होती महेंदी रस्म..
विवाह की रुत पुनः आ गई है । संस्कारों के नाम पर हमारे समाज में अश्लीलता का पदार्पण हो चुका है । नई नई कुप्रथाएँ जन्म ले रहीं हैं । ऐसे ही एक मेहंदी कार्यक्रम में बढ़ रही अश्लीलता को लेकर _श्री करण पटेल_ का यह आलेख पठनीय है ।
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_हल्दी रस्म ,मेहंदी रस्म की प्रगति निरंतर बढ़ती जा रही है।अपनी माँ दादी की परम्पराओं को छोड़ एकता कपूर के सीरियल पर आधारित शादी करोगे तो वो सनातन विवाह कम, देह भोग पार्टनर जुगाड़ व्यवस्था ज्यादा, रहे वहां बेटी बहू का नंगा होना भला कितना मायने रखता है।
_इसलिए मैं कहता रहता हूं अपने घर के विवाह संस्कारों को एकता कपूर आधारित मत बनाओ_ _बल्कि अपने घर की माता दादियों भुआ काकी मासी और घर की परंपरा अनुसार बनाओ* क्योंकि अगर घर का विवाह टीवी सीरियल आधारित हो गया तो हल्दी रसम मेहंदी रस्म जैसे फर्जी आयोजनों में हमारे घर की दादी नानी भुआ काकी और घर के बड़ों की हिस्सेदारी खत्म हो जाएगी और सारे आयोजन परंपरा से कट कर टीवी सीरियल आधारित हो जाएंगे और टीवी सीरियल तो निरंतर बहन बेटियों को नंगा करने का ही काम कर रहे हैं इसलिए इन टीवी सीरियल वालों को अपने घर की पवित्र सनातन परंपराओं में घुसपैठ मत करने दो वरना यह आपके घर की बहन बेटियों को भी नंगा करेंगे और आप ग्लैमर के नाम पर सेवाएं देखने के कुछ नहीं कर पाओगे ।
अभी इन नाटकों की शुरुआत हुई है कहीं कपड़े ढके हैं कहीं कपड़े ऊपर हो चुके हैं जब तक पूरे कपड़े ना निकले उससे पहले अपनी परंपराओं और जड़ों की ओर लौट आओ वरना परंपराओं से कटे आपके घर की बहन बेटियों को आपके सामने आपके आंगन में ही नंगा कर दिया जाएगा ।
_ग्लैमर के नाम पर और आप नाचते रहोगे। समय है थोड़ा संभल जाओ।_
_यह हल्दी रस्म ओर महंदी रस्म हमारे सनातन विवाह परंपराओं के अंग नहीं है इन फर्जी फिल्मी नाटकों को परंपराओं में मत भरो , वरना आपकी पवित्र परंपरा और आपके कुल दोनों के लिए घातक सिद्ध होगा यह नाटक..
साभार
सॉरी अगर मेरी इस पोस्ट से किसी को बुरा लगा हो तो ।।।
अश्लील होती महेंदी रस्म..
विवाह की रुत पुनः आ गई है । संस्कारों के नाम पर हमारे समाज में अश्लीलता का पदार्पण हो चुका है । नई नई कुप्रथाएँ जन्म ले रहीं हैं । ऐसे ही एक मेहंदी कार्यक्रम में बढ़ रही अश्लीलता को लेकर _श्री करण पटेल_ का यह आलेख पठनीय है ।
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_हल्दी रस्म ,मेहंदी रस्म की प्रगति निरंतर बढ़ती जा रही है।अपनी माँ दादी की परम्पराओं को छोड़ एकता कपूर के सीरियल पर आधारित शादी करोगे तो वो सनातन विवाह कम, देह भोग पार्टनर जुगाड़ व्यवस्था ज्यादा, रहे वहां बेटी बहू का नंगा होना भला कितना मायने रखता है।
_इसलिए मैं कहता रहता हूं अपने घर के विवाह संस्कारों को एकता कपूर आधारित मत बनाओ_ _बल्कि अपने घर की माता दादियों भुआ काकी मासी और घर की परंपरा अनुसार बनाओ* क्योंकि अगर घर का विवाह टीवी सीरियल आधारित हो गया तो हल्दी रसम मेहंदी रस्म जैसे फर्जी आयोजनों में हमारे घर की दादी नानी भुआ काकी और घर के बड़ों की हिस्सेदारी खत्म हो जाएगी और सारे आयोजन परंपरा से कट कर टीवी सीरियल आधारित हो जाएंगे और टीवी सीरियल तो निरंतर बहन बेटियों को नंगा करने का ही काम कर रहे हैं इसलिए इन टीवी सीरियल वालों को अपने घर की पवित्र सनातन परंपराओं में घुसपैठ मत करने दो वरना यह आपके घर की बहन बेटियों को भी नंगा करेंगे और आप ग्लैमर के नाम पर सेवाएं देखने के कुछ नहीं कर पाओगे ।
अभी इन नाटकों की शुरुआत हुई है कहीं कपड़े ढके हैं कहीं कपड़े ऊपर हो चुके हैं जब तक पूरे कपड़े ना निकले उससे पहले अपनी परंपराओं और जड़ों की ओर लौट आओ वरना परंपराओं से कटे आपके घर की बहन बेटियों को आपके सामने आपके आंगन में ही नंगा कर दिया जाएगा ।
_ग्लैमर के नाम पर और आप नाचते रहोगे। समय है थोड़ा संभल जाओ।_
_यह हल्दी रस्म ओर महंदी रस्म हमारे सनातन विवाह परंपराओं के अंग नहीं है इन फर्जी फिल्मी नाटकों को परंपराओं में मत भरो , वरना आपकी पवित्र परंपरा और आपके कुल दोनों के लिए घातक सिद्ध होगा यह नाटक..
साभार
सॉरी अगर मेरी इस पोस्ट से किसी को बुरा लगा हो तो ।।।