जो वादा किया वह निभाना हुआ ?
जिंदगी की साजिशो को सुलझाते हुए एक मुलाकात ना हुआ, जुदा हो गए मानो कभी इसका आभास ना हुआ, फिर मिलेंगे कभी बस इसी सोच मैं डूबे हुए है, हमारा और तुम्हारा कभी साथ मैं आगाज़ ना हुआ।
इन टिमटिमाती हुई जुगनूओ से कभी किया बात ना हुआ, ऐसी कौनसी गुफ्तगू थी जो कभी किसी से कहना ना हुआ, वादे तुमने बहुत किए बस कभी निभाना ना हुआ, जमाने ने नहीं रोका बस कभी तुम्हारा आना ना हुआ।
इतनी मुश्किलों के बीच भी मेरा प्यार का खात्मा ना हुआ, कहीं एक चिंगारी लगाई गई बस आग का जलना ना हुआ, सिमटी, टूटी हुई खुशियों का कभी मरहम ना हुआ, ऐसी इश्क ना दे खुदा जिसमें कोई किसी का कभी ना हुआ।
फिर मिलेंगे कभी बस इस उम्मीद का आगाज़ हुआ, खुदा की मंजूरी अभी बाकी है जहां दुआ का संचार हुआ, नासमझ नहीं हूं पगले बस हमे तुमसे इश्क हुआ, जो वादा किया था किया वह कभी निभाना हुआ।
जिंदगी की साजिशो को सुलझाते हुए एक मुलाकात ना हुआ, जुदा हो गए मानो कभी इसका आभास ना हुआ, फिर मिलेंगे कभी बस इसी सोच मैं डूबे हुए है, हमारा और तुम्हारा कभी साथ मैं आगाज़ ना हुआ।
इन टिमटिमाती हुई जुगनूओ से कभी किया बात ना हुआ, ऐसी कौनसी गुफ्तगू थी जो कभी किसी से कहना ना हुआ, वादे तुमने बहुत किए बस कभी निभाना ना हुआ, जमाने ने नहीं रोका बस कभी तुम्हारा आना ना हुआ।
इतनी मुश्किलों के बीच भी मेरा प्यार का खात्मा ना हुआ, कहीं एक चिंगारी लगाई गई बस आग का जलना ना हुआ, सिमटी, टूटी हुई खुशियों का कभी मरहम ना हुआ, ऐसी इश्क ना दे खुदा जिसमें कोई किसी का कभी ना हुआ।
फिर मिलेंगे कभी बस इस उम्मीद का आगाज़ हुआ, खुदा की मंजूरी अभी बाकी है जहां दुआ का संचार हुआ, नासमझ नहीं हूं पगले बस हमे तुमसे इश्क हुआ, जो वादा किया था किया वह कभी निभाना हुआ।


ok nibha dunga wada toh karne do 




waada kro roj nahane ki
Roj nahata hu 2 baar
thndi mai 2 baar
garam pani se