"ना मन हूँ ना बुद्धि ना चित अहंकार
ना जिव्या नयन नासिका करण द्वार
"ना लोभ मोह इर्ष्या ना अभिमान भाव"
:--+>"जगत चेतना हूँ अनादि अनन्ता " <+--:
ना जिव्या नयन नासिका करण द्वार
- "ना चलता ना रुकता ना कहता ना सुनता"
"ना मुज्मे घृणा ना कोई लगाव"
*ना भोग हूँ ना भोजन ना अनुभव ना भोक्ता*
"ना लोभ मोह इर्ष्या ना अभिमान भाव"
"धन धर्म काम मोक्ष सब अप्रभाव"
"मैं पुण्य ना पाप सुख दुःख से विलग हूँ"
"ना मंत्रना ज्ञान ना तीर्थ और यज्ञ हूँ":--+>"जगत चेतना हूँ अनादि अनन्ता " <+--: