सुनो अब मैं बदल गई हूं!
प्यार आज भी बेशक करती हू पर अब जताना भूल गई हूं!
महसूस उतना ही होते है!
पर अब खुद को पहले रख रही हूं!
दिल की आजू बाजू में दीवार बना रहीं हूं!
क्यों की जिद हैं इस बार की
टूट नही सकती , भिकर नही सकती और खुद को में दोबारा खो नही सकती!!
-Anonymous
प्यार आज भी बेशक करती हू पर अब जताना भूल गई हूं!
महसूस उतना ही होते है!
पर अब खुद को पहले रख रही हूं!
दिल की आजू बाजू में दीवार बना रहीं हूं!
क्यों की जिद हैं इस बार की
टूट नही सकती , भिकर नही सकती और खुद को में दोबारा खो नही सकती!!
-Anonymous