• We kindly request chatzozo forum members to follow forum rules to avoid getting a temporary suspension. Do not use non-English languages in the International Sex Chat Discussion section. This section is mainly created for everyone who uses English as their communication language.

Your favourite poetry

Well Wisher

Wellknown Ace
एक शायरी लिखी है
कभी मिलेगी तो सुनाउंग

तेरी सीरत साफ शीशे की तरह,
मेरे दामन में दाग हजारों है

तू नायाब किसी पत्थर की तरह,
मेरा उठना बेठठान बाजारों में है।

तेरी मोजूदगी का इंतराम कर भी लूं,
जब होगा रूबरू तो ये जज्बात कहा छुपाऊंगा ।

एक उम्र लेके आना,
में खाली किताब लेके आऊंगा,

तोड़ कर लाने के वादे नहीं
में अपनी कलम से सितारे सजाऊंगा,

मेरी साबर की इंतहा पर शक कैसा
मेने तेरे आने जाने पे ता उम्र लिखी है,

जमीन पे कोई खास नही मेरा,
तू एक बार कुबूल कर में अपने गवाहों को आसमान से बुलाऊंगा।
 
Last edited:
Let's Share each other's favorite poetry

Ek Ajanbee
Home»Self help»Famous Ek shayari likhi hai kabhi milogi to sunaunga – munawar Faruqui
SELF HELP

Famous Ek shayari likhi hai kabhi milogi to sunaunga – munawar Faruqui​

Aamir
By AAMIRFebruary 19, 2023

I know ये shayari आपको control se बाहर कर देगी इस shayari में जो इश्क का kalma है Ek shayari likhi hai kabhi milogi to sunaunga – munawar Faruqui पढ़ कर आपको bhi किसी से ishq karne को मजबूर कर देगी। ये shayari munawar Faruqui द्वारा लिखी गई है। ये पहले बार शायरी lock up show ke दौरान ये shayari bahut Jada famous हो गई थी।
और जो उनके पड़ने का अंदाज है और जो उनके चहरे पे खामोशी दिखती है padte waqt वो वही sabko अपनी aur Jada लगाव बना देती है। आपके पिछली पोस्ट पे कॉमेंट के वजह से हमने एक और munawar Faruqui post likhi है। Best munawar Faruqui shayari and poetry

Ek shayari likhi hai kabhi milogi to sunaunga – munawar Faruqui​


एक शायरी लिखी है
कभी मिलेगी तो सुनाउंग

तेरी सीरत साफ शीशे की तरह,
मेरे दामन में दाग हजारों है

तू नायाब किसी पत्थर की तरह,
मेरा उठना बेठठान बाजारों में है।

तेरी मोजूदगी का इंतराम कर भी लूं,
जब होगा रूबरू तो ये जज्बात कहा छुपाऊंगा ।

एक उम्र लेके आना,
में खाली किताब लेके आऊंगा,

तोड़ कर लाने के वादे नहीं
में अपनी कलम से सितारे सजाऊंगा,

मेरी साबर की इंतहा पर शक कैसा
मेने तेरे आने जाने पे ता उम्र लिखी है,

जमीन पे कोई खास नही मेरा,
तू एक बार कुबूल कर में अपने गवाहों को आसमान से बुलाऊंगा।
 
एक शायरी लिखी है
कभी मिलेगी तो सुनाउंग

तेरी सीरत साफ शीशे की तरह,
मेरे दामन में दाग हजारों है

तू नायाब किसी पत्थर की तरह,
मेरा उठना बेठठान बाजारों में है।

तेरी मोजूदगी का इंतराम कर भी लूं,
जब होगा रूबरू तो ये जज्बात कहा छुपाऊंगा ।

एक उम्र लेके आना,
में खाली किताब लेके आऊंगा,

तोड़ कर लाने के वादे नहीं
में अपनी कलम से सितारे सजाऊंगा,

मेरी साबर की इंतहा पर शक कैसा
मेने तेरे आने जाने पे ता उम्र लिखी है,

जमीन पे कोई खास नही मेरा,
तू एक बार कुबूल कर में अपने गवाहों को आसमान से बुलाऊंगा।
Great one
 
Top