Well Wisher
Wellknown Ace
एक शायरी लिखी है
कभी मिलेगी तो सुनाउंग
तेरी सीरत साफ शीशे की तरह,
मेरे दामन में दाग हजारों है
तू नायाब किसी पत्थर की तरह,
मेरा उठना बेठठान बाजारों में है।
तेरी मोजूदगी का इंतराम कर भी लूं,
जब होगा रूबरू तो ये जज्बात कहा छुपाऊंगा ।
एक उम्र लेके आना,
में खाली किताब लेके आऊंगा,
तोड़ कर लाने के वादे नहीं
में अपनी कलम से सितारे सजाऊंगा,
मेरी साबर की इंतहा पर शक कैसा
मेने तेरे आने जाने पे ता उम्र लिखी है,
जमीन पे कोई खास नही मेरा,
तू एक बार कुबूल कर में अपने गवाहों को आसमान से बुलाऊंगा।
कभी मिलेगी तो सुनाउंग
तेरी सीरत साफ शीशे की तरह,
मेरे दामन में दाग हजारों है
तू नायाब किसी पत्थर की तरह,
मेरा उठना बेठठान बाजारों में है।
तेरी मोजूदगी का इंतराम कर भी लूं,
जब होगा रूबरू तो ये जज्बात कहा छुपाऊंगा ।
एक उम्र लेके आना,
में खाली किताब लेके आऊंगा,
तोड़ कर लाने के वादे नहीं
में अपनी कलम से सितारे सजाऊंगा,
मेरी साबर की इंतहा पर शक कैसा
मेने तेरे आने जाने पे ता उम्र लिखी है,
जमीन पे कोई खास नही मेरा,
तू एक बार कुबूल कर में अपने गवाहों को आसमान से बुलाऊंगा।
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