• We kindly request chatzozo forum members to follow forum rules to avoid getting a temporary suspension. Do not use non-English languages in the International Sex Chat Discussion section. This section is mainly created for everyone who uses English as their communication language.

Dill ke alfaaz

Thakur Shaab

Favoured Frenzy
Chat Pro User
” गुज़र जायेगा ये दौर भी ज़रा सब्र तो रख !
जब खुशियाँ ही न रुकी तो ग़म की क्या औकात है !
 
“बहुत अंदर तक तबाह कर देते हैं
वो अश्क़ जो आँखों से गिर नहीं पाते। “
 
” गुज़र जायेगा ये दौर भी ज़रा सब्र तो रख !
जब खुशियाँ ही न रुकी तो ग़म की क्या औकात है !
“लोग कहते हैं दु:ख बुरा होता है जब भी आता है रुलाकर जाता है
लेकिन हम कहते दु:ख अच्छा होता है जब भी आता है कुछ सिखा कर जाता है !!
 
” गुज़र जायेगा ये दौर भी ज़रा सब्र तो रख !
जब खुशियाँ ही न रुकी तो ग़म की क्या औकात है !
“ये दिन भी क़यामत की तरह गुज़रा है
न जाने क्या बात थी हर बात पर रोना आया “
 
” गुज़र जायेगा ये दौर भी ज़रा सब्र तो रख !
जब खुशियाँ ही न रुकी तो ग़म की क्या औकात है !
“जो लोग दर्द को समझते हैं
वो लोग कभी दर्द की वजह नहीं बनते
 
” गुज़र जायेगा ये दौर भी ज़रा सब्र तो रख !
जब खुशियाँ ही न रुकी तो ग़म की क्या औकात है !
मुस्कुराते हुए इंसान को कभी जब देखना, हो सकता है रूमाल गिला मिले “
 
वो किताबों में लिखा नहीं था , जो सबक़ ज़िन्दगी ने सिखाया मुझे !”
 
” गुज़र जायेगा ये दौर भी ज़रा सब्र तो रख !
जब खुशियाँ ही न रुकी तो ग़म की क्या औकात है !
” ज़िन्दगी की हक़ीक़त को बस इतना ही जाना है , दर्द में अकेले हैं खुशियों में ज़माना है “
 
” गुज़र जायेगा ये दौर भी ज़रा सब्र तो रख !
जब खुशियाँ ही न रुकी तो ग़म की क्या औकात है !
“न जाने किस दरबार का चिराग़ हूँ मैं , जिसका दिल करता है जलाकर छोड़ देता है “
 
“न जाने किस दरबार का चिराग़ हूँ मैं , जिसका दिल करता है जलाकर छोड़ देता है “
” नाज़ुक लगते थे जो लोग, वास्ता पड़ा तो पत्थर के निकले
 
” मेरे ग़म का छोटा सा हिस्सा लेकर तो देखो ,
मरने की ख्वाहिश न करने लगे तो कहना “
 
दर्द मुझको ढूंढ़ लेता है रोज़ नए बहाने से
वो हो गया वाक़िफ़ मेरे हर ठिकाने से “
 
” अपनी पीठ से निकले खंजरों को जब गिना मैंने,
ठीक उतने ही निकले जितनो को गले लगाया था मैंने “
 
” परख से परे है
ये शख़्सियत मेरी
मैं उन्हीं के लिए हूँ,
जो समझें कदर मेरी
 
” जिन्हें नींद नहीं आती
उन्हें को मालूम है
सुबह आने में
कितने ज़माने लगते हैं “
 
” कुछ यादों को आप कभी नहीं छोड़ना चाहते, चाहें उसके लिए आपको कितनी ही पीड़ा क्यों न सहनी पड़े .”
 
” कितना अजीब भ्रम है ये मानना कि सुन्दरता अच्छाई है. “
 
” दुख तो मुफ्त में मिलते है,
लेकिन सुख की कीमत तो देनी ही पड़ती है. “
 
उसे बोल दो कि मेरे ख्वाबों में ना आया करे,
रोज आँख खुलती है और दिल टुट जाता है......!!!
 
Top