Yug Purush
Favoured Frenzy
इंटर के दिनों मैथ्स के ट्यूशन मे जब तुम पीछे पलटकर पूछ लेती थी मुझसे इसका आंसर क्या आ रहा है तुम्हारा?? दिल मैं करंट सा दौड़ता शरीर में सुनामी आ जाती और मन प्लानिंग करने लगता की घर जाके मां को कह ही दू, मां तेरी बहु पसंद कर ली आज लेकिन इन्ही रंगीन खायलो के बीच बगल से दोस्तों की कमीनेपन और जलन से भरी आवाज आती,, कुत्ते तेरे से ही क्यों पूछा आंसर।।।।
बहुत भाव दे रही है बेटा तुझे वो!!अब तो पटी ही समझो।। आज से हमारी भाभी।। शाम को पार्टी चाहिए हमे और फिर शाम को जेब भारी पड़ जाती वो भी गंदी वाली और पार्टी मैं भी वो मेरी कह कह के लेते।।
लेकिन अगले दिन फिर मन करता तुम फिर से किसी प्रश्न का आंसर पूछो।। तुम पूछना भी चाहती पर तुम्हारी आंखें से पता चल जाता की तुम इसलिए नही पूछ रही हो क्योंकि मेरे दोस्त मुझे कल की तरह चिढ़ाएंगे और परेशान करेंगे।।। साफ लगता था कि तुम भी बहुत कुछ कहना चाहती थी मुझसे ट्यूशन मैं और मेरी आत्मा भी तरसती थी कब तुम्हारी प्रेम भरी आवाज मेरे कानो में पड़े और मैं तृप्त हो जाऊ।।। #बचपन
बहुत भाव दे रही है बेटा तुझे वो!!अब तो पटी ही समझो।। आज से हमारी भाभी।। शाम को पार्टी चाहिए हमे और फिर शाम को जेब भारी पड़ जाती वो भी गंदी वाली और पार्टी मैं भी वो मेरी कह कह के लेते।।
लेकिन अगले दिन फिर मन करता तुम फिर से किसी प्रश्न का आंसर पूछो।। तुम पूछना भी चाहती पर तुम्हारी आंखें से पता चल जाता की तुम इसलिए नही पूछ रही हो क्योंकि मेरे दोस्त मुझे कल की तरह चिढ़ाएंगे और परेशान करेंगे।।। साफ लगता था कि तुम भी बहुत कुछ कहना चाहती थी मुझसे ट्यूशन मैं और मेरी आत्मा भी तरसती थी कब तुम्हारी प्रेम भरी आवाज मेरे कानो में पड़े और मैं तृप्त हो जाऊ।।। #बचपन