सच का हार वो मोती है,
जिसे मरते दम तक नहीँ उतारूँगा,
सच कहने से अगर हार होती है,
तो मैं हजार बार हारूँगा,
हाँ मानता हूँ जीवन मेँ थोड़ा झूठ भी जरूरी है,
पर उसकी मात्रा नमक जितनी हो, और
किसी का अहित ना करे,
ज़िन्दगी का स्वाद बनाए रखने को बस
इतनी मजबूरी है....!
जिसे मरते दम तक नहीँ उतारूँगा,
सच कहने से अगर हार होती है,
तो मैं हजार बार हारूँगा,
हाँ मानता हूँ जीवन मेँ थोड़ा झूठ भी जरूरी है,
पर उसकी मात्रा नमक जितनी हो, और
किसी का अहित ना करे,
ज़िन्दगी का स्वाद बनाए रखने को बस
इतनी मजबूरी है....!