Hi guys,
जैसा कि Title आपने देख लिया..
मैं बचपन की याद से शुरू करूंगा जो कविता, कहानी के माध्यम से आगे बढ़ेगा...
मैं चाहूंगा की आप भी शेयर करें अपनी कुछ यादें...
At very early stage when a kid starts creepiing or stands on knee...
His/her parents play with these rhymes...
घुघुआ मन्ना, उपजे धाना
ओहि पड़े आवेले, बबुआ के मामा
कनवा छेदाई दिहलें, बलवा पेन्हाई दिहले
दूनो हाथे लड्डूआ, मिठईआ धराई दिहलें
बबुआ के मुंहवा में घुटूक।
______________________
गलर-गलर पूआ पाकेला
चिलरा खोईछा नाचेला
जो रे चिलरा खेत खरिहान
ले अइहे तिलकियो धान
ओही धान के चिउरा कुटइबो
बाभन बिसुन नेवता पेठइबो
बभना के पूतवा दीही असीस
बबूआ जीहें लाख बरीस
_____________________
चल बिलईया भोजपुर,
भोजपुर में का बा,
लाल लाल सिपहिया बा,
दूनो कान कटईले बा,
______________________
बबुआ खाय दूध भतवा,
बिलईया चाटे पतवा,
पतवा उधियाईल जाय,
बिलईया रगेदले जाय।
______________________
नया भीति उठेले
पुरानी भीति गिरेले
समहरिहे बुढ़िया....।
#Traditional#
जैसा कि Title आपने देख लिया..
मैं बचपन की याद से शुरू करूंगा जो कविता, कहानी के माध्यम से आगे बढ़ेगा...
मैं चाहूंगा की आप भी शेयर करें अपनी कुछ यादें...
At very early stage when a kid starts creepiing or stands on knee...
His/her parents play with these rhymes...
घुघुआ मन्ना, उपजे धाना
ओहि पड़े आवेले, बबुआ के मामा
कनवा छेदाई दिहलें, बलवा पेन्हाई दिहले
दूनो हाथे लड्डूआ, मिठईआ धराई दिहलें
बबुआ के मुंहवा में घुटूक।
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गलर-गलर पूआ पाकेला
चिलरा खोईछा नाचेला
जो रे चिलरा खेत खरिहान
ले अइहे तिलकियो धान
ओही धान के चिउरा कुटइबो
बाभन बिसुन नेवता पेठइबो
बभना के पूतवा दीही असीस
बबूआ जीहें लाख बरीस
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चल बिलईया भोजपुर,
भोजपुर में का बा,
लाल लाल सिपहिया बा,
दूनो कान कटईले बा,
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बबुआ खाय दूध भतवा,
बिलईया चाटे पतवा,
पतवा उधियाईल जाय,
बिलईया रगेदले जाय।
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नया भीति उठेले
पुरानी भीति गिरेले
समहरिहे बुढ़िया....।
#Traditional#