दुःख क्या है!
शायद प्रेम में दो लोगों का साथ आना,
एक का प्रेम में वहीं रह जाना जहाँ से साथ निभाने के वादे शुरू हुए थे,
सपने बुने गए थे,
चिट्ठियाँ लिखीं गयी थी,
साथ बूढ़े होने की बातें किसी इतवार को चाय पीते हुए कही गयी,
और फिर एक का अकेले उन वादों,
उन बातों के साथ वहीं प्रेम में ठहरे रह जाना और दूसरे के मन से प्रेम का विदा हो जाना।
शायद प्रेम में दो लोगों का साथ आना,
एक का प्रेम में वहीं रह जाना जहाँ से साथ निभाने के वादे शुरू हुए थे,
सपने बुने गए थे,
चिट्ठियाँ लिखीं गयी थी,
साथ बूढ़े होने की बातें किसी इतवार को चाय पीते हुए कही गयी,
और फिर एक का अकेले उन वादों,
उन बातों के साथ वहीं प्रेम में ठहरे रह जाना और दूसरे के मन से प्रेम का विदा हो जाना।