जब प्रेम का अंतिम-संस्कार कर ही दिया था तुमने,
तो यादों की अस्थियाँ भी बहा देती,
उन यादों की भटकती आत्मा अब भी तड़प उठती है,
कहीं मेरे दिल के शमशान में.....!!
तो यादों की अस्थियाँ भी बहा देती,
उन यादों की भटकती आत्मा अब भी तड़प उठती है,
कहीं मेरे दिल के शमशान में.....!!