लबों तक जो बात आये,हर वो बात करना जरूरी है क्या? इश्क तो सबको हो जाताहै, ये बताओ इजहार करना जरूरी है क्या? फरिश्ता बन हजार ख्वाब दिखाकर, झूठे वादे करना जरूरी है क्या? रिश्तेदारी तो सब जानते हैं, ये बताओ सबको अपना कहना ज़रूरी है क्या? बरसो पहले जो आईना टूटा था, आज वापस जुड़ने लगे तो मुश्किल है क्या? तुमने तो मोहब्बत का अंजाम देखा है, ये बताओ दुवारा इश्क करना सही है क्या? बेइंतेहा ना सही इश्क मैंने भी किया था, इसका भरोसा दिलाना जरूरी है क्या? तुम जो रूठ जाते हो हर छोटी सी बात पर, हर बार तुम्हें मनाना जरूरी है क्या? सूरत नहीं सीरत पूजता हूं, ऐसी बातें कहना जरूरी है क्या? तुम्हारे बिन में एक पल नहीं जी सकता, हर एक से ये कहना जरूरी है क्या?