संग मेरे संग मेरे
चल मेरे संग मेरे...
यादों की राह पर खुशियों की छाँव है
निकले थे अकेले अब संग कितने पांव हैं...
सपने हैं अपने हैं और तू भी मेरे साथ है
निकले थे अकेले अब संग कितने पांव हैं...
संग मेरे संग मेरे
चल मेरे संग मेरे...
टूटे रिश्ते की चूड़िया कत्ती है कांच सी
है इतनी दूरिया पराई है परछाई भी...
अँधेरे की सियाही में उभारेगा कैसा कोई रंग
आजा पास अब तू ही कह दे है मेरे संग...
लड़खड़ाए हैं तो क्या उठ के चले फिर से हम
मुस्कान से हुई दोस्ती आंख होगी कैसे नम...
संग मेरे संग मेरे
चल मेरे संग मेरे...||
चल मेरे संग मेरे...
यादों की राह पर खुशियों की छाँव है
निकले थे अकेले अब संग कितने पांव हैं...
सपने हैं अपने हैं और तू भी मेरे साथ है
निकले थे अकेले अब संग कितने पांव हैं...
संग मेरे संग मेरे
चल मेरे संग मेरे...
टूटे रिश्ते की चूड़िया कत्ती है कांच सी
है इतनी दूरिया पराई है परछाई भी...
अँधेरे की सियाही में उभारेगा कैसा कोई रंग
आजा पास अब तू ही कह दे है मेरे संग...
लड़खड़ाए हैं तो क्या उठ के चले फिर से हम
मुस्कान से हुई दोस्ती आंख होगी कैसे नम...
संग मेरे संग मेरे
चल मेरे संग मेरे...||
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