Good morning friends,
मैं उन सीढ़ियों से भी प्रेम करता हूँ
जिन पर चलकर उससे मिलने जाया करता था
और उस खिड़की से भी
जिसके बाहर देखती थीं उसकी उदास आँखें
मुझे अब भी उस अँधेरे से प्रेम है
जिसके उजालों में चलकर पहुँचा था उसके पास
मैंने उन सारी चीज़ों से प्रेम किया
जो उसके हाथों से छुई गई थीं—
Credit goes to :नवीन रांगियाल
Haan thik hai par wo sab paise baad mai lautane pdegne

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