मैं गर नदी लिखूं तो
तुम प्यास बन जाना
लिखूं गर मै दर्द तो
तुम उम्मीद बन जाना
मैं गर लिखूँ नींद तो तुम ,
ख्वाब बन आँखों में समा जाना,
मैं जीवन लिखूं तो तुम,
मेरी धड़कन बन जाना....
लिखूं गर मैं मृत्यु तो तुम,
मेरी रूह में समा जाना,
सुनो !
जब मैं कुछ ना लिखू तो तुम,
सब कुछ समझ कर ..
एक बार,बस एक...बार!!
सिर्फ एक ...पल के लिए
मेरे हो जाना....!!!

तुम प्यास बन जाना
लिखूं गर मै दर्द तो
तुम उम्मीद बन जाना
मैं गर लिखूँ नींद तो तुम ,
ख्वाब बन आँखों में समा जाना,
मैं जीवन लिखूं तो तुम,
मेरी धड़कन बन जाना....
लिखूं गर मैं मृत्यु तो तुम,
मेरी रूह में समा जाना,
सुनो !
जब मैं कुछ ना लिखू तो तुम,
सब कुछ समझ कर ..
एक बार,बस एक...बार!!
सिर्फ एक ...पल के लिए
मेरे हो जाना....!!!

तेरे याद के सिवा मुझे कुछ नही आता..!!