प्यार की ख़बर नहीं, नफ़रत में पल रहे हैं लोग!
....
ये आग कौन सी है जो दिलों में लग गयी?
उठता नहीं धुआँ मग़र फिर भी जल रहे हैं लोग!
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सबकुछ लगा के दाव पर, ज़िन्दगी की दौड़ में
इंसानियत पछाड़कर आगे निकल रहे हैं लोग!
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घर बिख़र रहें हैं और जल रही है ज़िन्दगी!
जिधर देखता हूँ वहीं आग उगल रहे हैं लोग।।।।
गिरगिट लोग
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ये आग कौन सी है जो दिलों में लग गयी?
उठता नहीं धुआँ मग़र फिर भी जल रहे हैं लोग!
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सबकुछ लगा के दाव पर, ज़िन्दगी की दौड़ में
इंसानियत पछाड़कर आगे निकल रहे हैं लोग!
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घर बिख़र रहें हैं और जल रही है ज़िन्दगी!
जिधर देखता हूँ वहीं आग उगल रहे हैं लोग।।।।
गिरगिट लोग
गिरगिट सिर्फ बदनाम है,
जितना रंग बदलता इंसान है।
बात बात पर कल्टी मारे,
लगता है मेहरबान है।._|