Good morning friends,
किसी की गोद में सिर धर
घटा घनघोर बिखरा कर
अगर विश्वास सो जाए,
धड़कते वक्ष पर मेरा अगर व्यक्तित्व खो जाए,
न हो यह वासना
तो ज़िंदगी की माप कैसे हो?
किसी के रूप का सम्मान मुझको पाप कैसे हो?
नसों का रेशमी तूफ़ान मुझको पाप कैसे हो?
Credit to : धर्मवीर भारती