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पल

Harcore_Ankit

Favoured Frenzy
सुनसान रात में कुछ ख्याल आते हैं
आसमान के परे से कई सारे सवाल लाते हैं
मन को जरा सा भटकाके
नईं राहों की तरफ ठेल आते हैं

राहें जिनमें आसमानों का रंग अलग हैं
उमींदे जिनमें ख्वाबों का रंग अलग हैं
चाहते जिनमें वादों का रंग अलग है
शिकायते जिनमें किरदारों का रंग अलग है
और
कुछ ठहर सा जाता है उस पल में
किसी बीते हुए कल में


अलग है जमीन अलग है , होश अलग है
कुछ ख्वाबों के साथ हौसलों का जोश अलग है
भटकती हुई ख्वाहिसो का अफसोस अलग हैं
और उसपे ये
ठहरी जमीन पर भटके हुए समय का अफसोस अलग है

कभी-कभी खुशियों दिखाते हैं
फिर
कुछ खुशियों और गमों को एक साथ सहलाते हैं
फिर
रूठी हुई शाम को अंधेरी चांदनी में भिगो के
मां की बांतों सा गुदगुदाते है
जरा फिक्र दिखाते हैं ,
मन में छुपे पन्ने पर प्यारा सा कोई गीत सजाते हैं
धुन बनाते हे , दिल को बहलाते है ,
ठहरी हुई जमीन पर मन को पंख लगाते हैं
यही कुछ ख्याल आते हैं सुनसान रात में
और कुछ ठहर सा जाता ह बीते हुए कल में


और ऐसे ही सारा " समा ", " समा " सा जाता है बिखरे हुए पल में।।
 
Last edited:
सुनसान रात में कुछ ख्याल आते हैं
आसमान के परे से कई सारे सवाल लाते हैं
मन को जरा सा भटकाके
नईं राहों की तरफ ठेल आते हैं

राहें जिनमें आसमानों का रंग अलग हैं
उमींदे जिनमें ख्वाबों का रंग अलग हैं
चाहते जिनमें वादों का रंग अलग है
शिकायते जिनमें किरदारों का रंग अलग है
और
कुछ ठहर सा जाता है उस पल में
किसी बीते हुए कल में


अलग है जमीन अलग है , होश अलग है
कुछ ख्वाबों के साथ हौसलों का जोश अलग है
भटकती हुई ख्वाहिसो का अफसोस अलग हैं
और उसपे ये
ठहरी जमीन पर भटके हुए समय का अफसोस अलग है

कभी-कभी खुशियों दिखाते हैं
फिर
कुछ खुशियों और गमों को एक साथ सहलाते हैं
फिर
रूठी हुई शाम को अंधेरी चांदनी में भिगो के
मां की बांतों सा गुदगुदाते है
जरा फिक्र दिखाते हैं ,
मन में छुपे पन्ने पर प्यारा सा कोई गीत सजाते हैं
धुन बनाते हे , दिल को बहलाते है ,
ठहरी हुई जमीन पर मन को पंख लगाते हैं
यही कुछ ख्याल आते हैं सुनसान रात में
और कुछ ठहर सा जाता ह बीते हुए कल में


और ऐसे ही सारा " समा ", " समा " सा जाता है बिखरे हुए पल में।।
Bahut badhiya chhote....
Lajawab... :clapping:

ठेल की जगह "धकेल" अच्छा लगता।
समा जी जगह "शमां" होना चाहिए।

Tumne kaha tha isliye thodi si Kami nikal diye. Plz don't feel bad for this. :giggle:
Ek baat aur presentation thoda colorful hona chahiye aur related koi pic hogi to aur attractive bnega post.
Love u bro ❤️
 
सुनसान रात में कुछ ख्याल आते हैं
आसमान के परे से कई सारे सवाल लाते हैं
मन को जरा सा भटकाके
नईं राहों की तरफ ठेल आते हैं

राहें जिनमें आसमानों का रंग अलग हैं
उमींदे जिनमें ख्वाबों का रंग अलग हैं
चाहते जिनमें वादों का रंग अलग है
शिकायते जिनमें किरदारों का रंग अलग है
और
कुछ ठहर सा जाता है उस पल में
किसी बीते हुए कल में


अलग है जमीन अलग है , होश अलग है
कुछ ख्वाबों के साथ हौसलों का जोश अलग है
भटकती हुई ख्वाहिसो का अफसोस अलग हैं
और उसपे ये
ठहरी जमीन पर भटके हुए समय का अफसोस अलग है

कभी-कभी खुशियों दिखाते हैं
फिर
कुछ खुशियों और गमों को एक साथ सहलाते हैं
फिर
रूठी हुई शाम को अंधेरी चांदनी में भिगो के
मां की बांतों सा गुदगुदाते है
जरा फिक्र दिखाते हैं ,
मन में छुपे पन्ने पर प्यारा सा कोई गीत सजाते हैं
धुन बनाते हे , दिल को बहलाते है ,
ठहरी हुई जमीन पर मन को पंख लगाते हैं
यही कुछ ख्याल आते हैं सुनसान रात में
और कुछ ठहर सा जाता ह बीते हुए कल में


और ऐसे ही सारा " समा ", " समा " सा जाता है बिखरे हुए पल में।।
Dard ke samundar mein chune thoree rahate hai DIL.
tootne se pal pal marte hai.
 
Bahut badhiya chhote....
Lajawab... :clapping:

ठेल की जगह "धकेल" अच्छा लगता।
समा जी जगह "शमां" होना चाहिए।

Tumne kaha tha isliye thodi si Kami nikal diye. Plz don't feel bad for this. :giggle:
Ek baat aur presentation thoda colorful hona chahiye aur related koi pic hogi to aur attractive bnega post.
Love u bro ❤️
Edit kr lia h mere dairy me :) ,
 
Bahut badhiya chhote....
Lajawab... :clapping:

ठेल की जगह "धकेल" अच्छा लगता।
समा जी जगह "शमां" होना चाहिए।

Tumne kaha tha isliye thodi si Kami nikal diye. Plz don't feel bad for this. :giggle:
Ek baat aur presentation thoda colorful hona chahiye aur related koi pic hogi to aur attractive bnega post.
Love u bro ❤️
Wese aapko shi m professor hona chahiye Banaras k paan ki Kasam :fingercross:
 
पल वो सिर्फ पल भर का नही रहता, वो हर लम्हा एक किस्सा बन जाता है, गुज़रा मेरा हर कल तेरे साथ, अब मेरी यादों का हिस्सा बन जाता हैं।
 
पल वो सिर्फ पल भर का नही रहता, वो हर लम्हा एक किस्सा बन जाता है, गुज़रा मेरा हर कल तेरे साथ, अब मेरी यादों का हिस्सा बन जाता हैं।
चलता है चुपके चुपके साथ हर मोड़ पे
और फिर धीरे धीरे मेरे जहां का सुनेहरा हिस्सा बन जाता ह
खुशबू सा आता है
जोरो से गुनगुनाता है
यादों के रूप में ढेर सारी बातें दोहराता हैं
और
फिर वैसे ही
कहानियों को सुना के
दबे पाव लौट जाता ह ।
 
compressed_gm_40_img_719349_22a9a584_1710741717462_sc.jpgपल दो पल के लिए ही सही.. पर मिलने जरूर आना तुम... पूरी शाम ना सही... कुछ वक़्त मेरे साथ गुजारना तुम... मेरी बात चाहे मत सुनना... पर अपना हाल बताना तुम... हमेशा के लिए ना सही... पर कुछ पल के लिए... सिर्फ मेरे हो जाना तुम... सबको बता कर ना सही... छुपके पहले की तरह आना तुम... पहले की तरह मुझे मत हसाना.. पर मेरे लिए सिर्फ एक बार मुस्कुराना तुम झूठ बोल देना मुझसे फिर... और फिर दिल तोड़ कर चले जाना तुम... पर पल दो पल के लिए ही सही... मिलने जरूर आना तुम... ना तुम
 
सुनसान रात में कुछ ख्याल आते हैं
आसमान के परे से कई सारे सवाल लाते हैं
मन को जरा सा भटकाके
नईं राहों की तरफ ठेल आते हैं

राहें जिनमें आसमानों का रंग अलग हैं
उमींदे जिनमें ख्वाबों का रंग अलग हैं
चाहते जिनमें वादों का रंग अलग है
शिकायते जिनमें किरदारों का रंग अलग है
और
कुछ ठहर सा जाता है उस पल में
किसी बीते हुए कल में


अलग है जमीन अलग है , होश अलग है
कुछ ख्वाबों के साथ हौसलों का जोश अलग है
भटकती हुई ख्वाहिसो का अफसोस अलग हैं
और उसपे ये
ठहरी जमीन पर भटके हुए समय का अफसोस अलग है

कभी-कभी खुशियों दिखाते हैं
फिर
कुछ खुशियों और गमों को एक साथ सहलाते हैं
फिर
रूठी हुई शाम को अंधेरी चांदनी में भिगो के
मां की बांतों सा गुदगुदाते है
जरा फिक्र दिखाते हैं ,
मन में छुपे पन्ने पर प्यारा सा कोई गीत सजाते हैं
धुन बनाते हे , दिल को बहलाते है ,
ठहरी हुई जमीन पर मन को पंख लगाते हैं
यही कुछ ख्याल आते हैं सुनसान रात में
और कुछ ठहर सा जाता ह बीते हुए कल में


और ऐसे ही सारा " समा ", " समा " सा जाता है बिखरे हुए पल में।।ख़याल जिस का था मुझे ख़याल में मिला मुझे

ख़याल जिस का था मुझे ख़याल में मिला मुझे
सवाल का जवाब भी सवाल में मिला मुझे
 
सुनसान रात में कुछ ख्याल आते हैं
आसमान के परे से कई सारे सवाल लाते हैं
मन को जरा सा भटकाके
नईं राहों की तरफ ठेल आते हैं

राहें जिनमें आसमानों का रंग अलग हैं
उमींदे जिनमें ख्वाबों का रंग अलग हैं
चाहते जिनमें वादों का रंग अलग है
शिकायते जिनमें किरदारों का रंग अलग है
और
कुछ ठहर सा जाता है उस पल में
किसी बीते हुए कल में


अलग है जमीन अलग है , होश अलग है
कुछ ख्वाबों के साथ हौसलों का जोश अलग है
भटकती हुई ख्वाहिसो का अफसोस अलग हैं
और उसपे ये
ठहरी जमीन पर भटके हुए समय का अफसोस अलग है

कभी-कभी खुशियों दिखाते हैं
फिर
कुछ खुशियों और गमों को एक साथ सहलाते हैं
फिर
रूठी हुई शाम को अंधेरी चांदनी में भिगो के
मां की बांतों सा गुदगुदाते है
जरा फिक्र दिखाते हैं ,
मन में छुपे पन्ने पर प्यारा सा कोई गीत सजाते हैं
धुन बनाते हे , दिल को बहलाते है ,
ठहरी हुई जमीन पर मन को पंख लगाते हैं
यही कुछ ख्याल आते हैं सुनसान रात में
और कुछ ठहर सा जाता ह बीते हुए कल में


और ऐसे ही सारा " समा ", " समा " सा जाता है बिखरे हुए पल में।।
Lajawab , ati Sundar,
 
Wese aapko shi m professor hona chahiye Banaras k paan ki Kasam :fingercross:
Banarasi paan
Aaye Haye kya bol gye chhote

Banarasi lassi with rabdi
Launglatta
BHU mid pe kachauri aur samose...

Yummmm
Kafi din bit gye yaar Banaras gye

Jayenge jldi hi in sab ka sewan karne

Aur professor bnte bnte rah gya
Galti se English padh liya :rofl1:
 
Last edited:
Banarasi paan
Aaye Haye kya bol gye chhote

Banarasi lassi with rabdi
Launglatta
BHU mid pe kachauri aur samose...

Yummmm
Kafi din bit gye yaar Banaras gye

Jayenge jldi hi in sab ka sewan karne

Aur professor bnte bnte rah gya
Galti se English padh liya :rofl1:
Mind-blowing o_O
 
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